Important Rivers in Jharkhand || झारखंड की प्रमुख नदियाँ
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Important Rivers in Jharkhand
- दमोदर नदी :- दमोदर नदी झारखंड से बहने वाली सबसे लंबी नदी है । यह छोटानागपुर के पठार मे पलामू से निकल कर हजारीबाग और मानभूम के रस्ते आगे निकलती है । इस नदी क उद्गम स्थल पलामू जिले मे है । इस नदी कि लंबाई 290 कि. मी. है। दमोदर को “देवनद” नाम से भी जाना जाता है। कोनार, बोकरो और बराकर नदी इसकी प्रमुख्य सहायक नदी है।
- स्वर्णरेखा नदी :- यह नदी छोटानागपुर पठार के राँची जिले के नगडी गाँव से निकलती है। यह एक मौसमी नदी है जो वारिश मे पूरा भर जाती हैै। इसके सुन्हरे रंग के बालू के कारण इसे “स्वर्णरेखा” नदी कहा जाता है । यह नदी उद्गम स्थल से लेकर बंगाल की खाड़ी मे मिलने तक किसी भी नदी का सहायक नदी नहीं बनती है। इनकी 3 सहायक प्रमुख नदियाँ राढु, काँची और खरकइ है, जो पूरब से बहती हु़ई इसमें आ मिलती है ।
- बराकर नदी :- यह छोटानागपुर पठार सेे निकलकर हजारीबाग, गिरिडीह, धनबाद और मानभूम जा के दामोदर नदी में मिल जाती हैै। इस नदी पे दमोदर घाटी परियोजना के अंतर्गत मैथन डेम बनाया गया हैं, जिससे बिजली क उत्पादन किया है।
- दक्षिण कोयल नदी :- इस नदी क उद्गम स्थल छोटानागपुर पठार है। यह राँची के नगाड़ी गाँव से निकलती है। यह आगे चल कर शंख नदी मे मिल जाती है। इसकी सबसे बड़ी सहायक नदी “कारों” नदी है। इसी पे “कोयलाकारों परियोजना” का निर्माण किया गया है ।
- उतरी कोयल :- यह नदी राँची के पठार से निकल कर उतर दिशा कि और बहती है। औरंग और अमानत नदी इसकी सहायक नदी है।
- फल्गु नदी :- यह नदी छोटानागपुर पठार केे उतरी भाग से निकलती है । यह बहुुुत सारी छोटी छोटी सरिताओ के मिलने से बनी है जिसे “निरंजना” कहते है । इसको “अंत सलिला या लीलाजना ” भी कह्ते हैै। मोहना नदी इसकी सहायक नदी है जो बोध गया मे इससे मिल जाती है और एक विशाल रुप ले लेेेेती है। पितृपक्ष के समय यहां फल्गुु स्नना और पिण्डदान किया जाता है ।
- पुनपुन नदी :- झारखंड मे पुनपुन एव इसकी सहायक नदियों का उद्भव हजारीबाग के पठार एवम् पलामू के उतरीं क्षेत्र से होता है।यह नदी सोन नदी के समानांतर बहती है । हिंदु धर्म मे इस नदी को पवित्र नदी के रुप मे पूजा जाता है । इसको “किकट नदी” तथा कहीं कहीं “बमागधी ” भी कहा जाता है । इसकी प्रमुख्य सहायक नदी “दरधा और मोरहर” है। यह नदी आगे चल कर गंगा नदी मे मिल जाती है ।
- शंख नदी :- शंख नदी नेतरहाट पठार से पश्चिम छोर में उतरी कोयल नदी के विपरीत बहती है । इसका उद्गम स्थल पाट क्षेत्र का दक्षिण छोर हैै। यह नदी शुुुुरु मे काफी सँकरी और गहरी खाईं बनाती है ।यह राजाडोरा के पास 200 feet ऊँचा जलप्रपात बनाती है जो ” सदनघाघ जलप्रपात ” केे नाम सेे जाना जाता है ।
- चानन नदी:- यह नदी 5 धाराओं से मिल के बना है इस लिये इसे “पंचानन नदी” भी कह्ते है। इसे “पंचाने नदी” भी कह्ते है ।
- अजय नदी :- इस नदी क उद्गम स्थल मुंगेर बिहार है । यह झारखंड मे देवघर तथा जमतारा मे बहती है। इसकी 2 सहायक नदी पथरो तथा जयन्ती नदी है जो हजारीबाग तथ गिरिडीह से निकलती है । देवघर के पुनासी मे इस नदी पे पुनासी जल परियोजना के तह्त पुनासी डैम का निर्माण किया जा रहा है।
- मोर या मयूराक्षी नदी:- यह नदी देवघर जिले के त्रिकुट पहाड़ी से निकलती है। इस नदी के ऊपरी प्र्वाह क्षेत्र मे “मोतीहारी” के नाम से जाना जाता है। यह भुरभुरी नदी से मिलकर “मोर” के नाम से पुकारी जाती है। इसकी प्रमुख्य सहायक नदियां है टीपरा,पुसरॉ,भामरी,दौना, धोवाइ । इस नदी पर कनाडा सरकार के सह्योग से “मसानजोर डैम” का निर्माण किया गया है। इस डैम को कनाडा डैम भी कह्ते है । Important Rivers in Jharkhand
- ब्राह्मनि नदी :- इस नदि क उद्गम दुमका जिले के दुधवा पहाड़ी से होता है । इसकी प्रमुख सहायक नदी है गुमरो और एरो नदी।
- बांसलोइ नदी :- यह नदी गोड्डा के पास बाँस पहाड़ी से निकलती है । यह नदी मुराइ के पास गंगा नदी मे मिल जाती है ।
- गुमनी नदी :- यह राजमहल के पहाड़ी से निकलती है और झारखंड कि सीमा को पार कर गंगा मे मिल जाती है ।
- औरंग नदी :- इस नदी का उद्गम स्थल लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के उम्दाग गाँव है। यह उतरी कोयल की सहायक नदी है। इसकी सहायक नदी घाघरी, गोवा , नाला, धधारी, सुकरी है ।
- कन्हर नदी :- इस नदी क उद्गम स्थल सरगुजा है।
- बूढ़ा नदी :- यह नदी महुआटाँडा से निकल कर सरेंदाग पाट के दक्षिण मे उतरी कोयल से मिल जाती है । झारखंड क सबसे ऊँचा जलप्रपात “बूढ़ाघाघ जलप्रपात” इसी नदी प्र स्तिथ है ।
- अमानत नदी :- इसका उद्गम स्थल चतरा है। यह करीब 100 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर के कोयल नदी मे मिल जाती है । इसकी प्रमुख्य सहायक नदियां जिजोइ, माइला, जनुमिया, खेरा, चाको, सलाही, पाटन है ।
- हरमु नदी:- हरमु नदी राँची के नगाड़ी प्रखंड के पास से निकल कर कुल 14 किलोमीटर कि यात्रा तय क्र नमकुम मे स्वर्णरेखा नदी मे जा मिलती है।
- काँची नदी :- यह नदी राँची जिले के तमाड़ इलाके से निकलती है। सिल्ली होते हुए ये स्वर्णरेखा नदी मे जा मिलती है।
- तजना नदी :- तजना नदी बुंडू-तमाड़ इलाके से निकलती है ।यह आगे जा के खूँटी जिले से होते हुए “कारो नदी” मेे मिल जाती है।
- गंगा नदी :- गंगा नदी झारखंड की सीमा मे सबसे पह्ले संथाल परगना के साहेबगंज जिला मे तेलियागड़ी से कुछ दूर पश्चिम में छूती है और पुरब दिशा मे बहती है। यह नदी साहेबगंज जिला मे 80 कि. मी. की दूरी तय करती हैै
- सोन नदी :- मेेेकाल पर्वत के अमरकंटक पठार से निकली यह नदी पटना के पास गंगा नदी मे मिल जाती है। इसकी लंबाई 780 कि. मी. है । इस नदी को “सोनभद्र और हिरन्यवाह” के नाम से भी जाना जाता है । यह नदी झारखंड के 45 km की सीमा बनाती है यह पलामू की उतरी सीमा बनाते हुए प्रवाहित होती है। उतर कोयल इसकी सहायक नदी है ।
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